कोटद्वार में अतिक्रमण के चिंता जनक हालात को लेकर गरिमामयी भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सेनिकों के संगठन पूर्व सैनिक संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र: गढ़वाल के द्वारा कोटद्वार को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए पूर्व सैनिकों ने भरी हुंकार , कोटद्वार नगर के चप्पे चप्पे पर दिन व दिन बाहर से आकर सडकों पर ठेली व फड़ लगा कर यातायात बाधित करने वालों के साथ ही कोटद्वार गाड़ीघाट, लकड़ी पडाव ग्रासटनगंज में नूजल भूमि पर स्थाई अतिक्रमण के साथ ही सेना तथा रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने को लेकर अध्यक्ष महेन्द्र पाल सिंह रावत के नेतृत्व में गरिमामयी भारतीय सेना के सेवानिवृत्त जांबाज सेनानियों के संगठन पूर्व सैनिक संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्पकर सिंह घामी को पत्र प्रेषित कर पौड़ी जिला प्रशासन, नगर निगम कोटद्वार को आदेशित करने की मांग की है।पूर्व सैनिक संघर्ष समिति ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को सम्बोधित करते हुए लिखा है कि कोटद्वार शहर जिसकी आबादी लगभग डेढ़ लाख है आज अतिक्रमण के कारण अपने सौंदर्य को लगातार खोता जा रहा जा रहा है, भारत नामध्येय चक्रवर्ती राजा भरत की यह ऐतिहासिक भूमि तथा विश्व प्रसिद्ध भगवान बाबा सिद्धबली की यह पवित्र भूमि अपना नैसर्गिक सौंदर्य खो चुकी है। अतिक्रमण का आलम यह है कि रेलवे स्टेशन रोड, मालिनी मार्केट, झंडा चौक, गोखले मार्ग, गेराज रोड, मीट मार्केट गाड़ीघाट रोड जिला परिषद मार्केट ,पुराना सिद्धबली मार्ग तक अवैध अतिक्रमण कर पथ मार्गों को बाधित कर दिया गया है।
जिसके कारण सड़कों पर ट्रैफिक जाम लगा रहता है मार्गों के अवरोधित होने के कारण से आए दिन दुर्घटना होने की संभावना से इनका नहीं किया जा सकता है। इस संदर्भ पूर्व सैनिक संघर्ष समिति कोटद्वार द्वारा कोटद्वार परिक्षेत्र में हो चुके अतिक्रमण को हटाने के लिए विभिन्न पात्रों के माध्यम से शासन प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है लेकिन प्रशासनिक कार्य शिथिलता की कारण अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है आलम यह है कि फड रेहड़ी और फल विक्रेताओं द्वारा सड़क पर दुकान लगाकर आम जनमानस के आवागमन को बाधित किया जा रहा है जिसके कारण आए दिन राहगीरों के साथ दुकानदारों के द्वारा अभद्रता होती रहती है उनके साथ मारपीट की जा रही है, महिलाओं से अभद्रता हो रही है, जिसके कारण नगर का माहौल लगातार खराब हो रहा है। हालात यह हो चुके हैं कि कोटद्वार शहर में अतिक्रमण की समस्या बेहद गंभीर रूप धारण कर चुकी है। इस चरम पर पंहुच चुके अतिक्रमण को लेकर माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा अतिक्रमण मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम समिति एजेंसी को सख्त दिशा निर्देश जारी होने के बाद भी इस दिशा में धरातल पर समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसलिए गरिमामयी भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सेनानियों का संगठन प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह करता है कि कोटद्वार शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करें जिससे की कोटद्वार की सड़कों से सरकारी जमीनों से स्थाई तथा अस्थायी अतिक्रमण हटे तथा कोटद्वार की सड़कों के सुगम यातायात व्यवस्था के लिए जनसामान्य को उपलब्ध कराया जा सके। महेंद्र पाल सिंह रावत, अध्यक्ष पूर्व सैनिक संघर्ष समिति तथा समस्त कार्यकारणी।
